NAAT LYRICS IN URDU TRANSLATION FOR DUMMIES

naat lyrics in urdu translation for Dummies

naat lyrics in urdu translation for Dummies

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naat lyrics in hindi

ऐ ज़हरा के बाबा ! सुनें इल्तिजा मदीना बुला लीजिए कहीं मर न जाए तुम्हारा गदा मदीना बुला लीजिए सताती है मुझ को, रुलाती है मुझ को ये दुनिया बहुत आज़माती है मुझ को हूँ दुनिया की बातों से टूटा हुआ मदीना बुला लीजिए बड़ी बेकसी है, बड़ी बे-क़रारी न कट जाए, आक़ा ! यूँही 'उम्र सारी कहाँ ज़िंदगानी का कुछ है पता मदीना बुला लीजिए ये एहसास है मुझ को, मैं हूँ कमीना हुज़ूर ! आप चाहें तो आऊँ मदीना गुनाहों के दलदल में मैं हूँ फँसा मदीना बुला लीजिए मैं देखूँ वो रौज़ा, मैं देखूँ वो जाली बुला लीजे मुझ को भी, सरकार-ए-'आली !

मेरे दिल ! तू ही बता क्या तेरी हालत होगी !

नबी तो, साइम ! सभी हैं आ'ला, हैं रुत्बे सब के अज़ीम-ओ-बाला

महशर में हो न मुझे प्यास का डर, हों मेहरबाँ मुझ पर साक़ी-ए-कौसर

मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से डालो नज़र-ए-करम, सरकार ! अपने मँगतों पर इक बार हम ने आस है लगाई बड़ी देर से मेरे चाँद ! मैं सदक़े, आजा इधर भी चमक उठे दिल की गली, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से तेरे रब ने मालिक किया तेरे जद को तेरे घर से दुनिया पली, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से तेरा रुत्बा आ'ला न क्यूँ हो, कि मौला !

बस इक सदा आ रही है बराबर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

ऐ ज़हरा के बाबा ! सुनें इल्तिजा मदीना बुला लीजिए कहीं मर न जाए तुम्हारा गदा मदीना बुला लीजिए सताती है मुझ को, रुलाती है मुझ को ये दुनिया बहुत आज़माती है मुझ को हूँ दुनिया की बातों से टूटा हुआ मदीना बुला लीजिए बड़ी बेकसी है, बड़ी बे-क़रारी न कट जाए, आक़ा ! यूँही 'उम्र सारी कहाँ ज़िंदगानी का कुछ है पता मदीना बुला लीजिए ये एहसास है मुझ को, मैं हूँ कमीना हुज़ूर ! आप चाहें तो आऊँ मदीना गुनाहों के दलदल में मैं हूँ फँसा मदीना बुला लीजिए मैं देखूँ वो रौज़ा, मैं देखूँ वो जाली बुला लीजे मुझ को भी, सरकार-ए-'आली !

लब हमारे दुरूद पढ़ते हैं, दिल हमारे सलाम कहते हैं

उमर के आने से कुफ्र पर जो ज़वाल आया, कमाल आया !

Assalamwalaikum aap se guzarish hai ke oopar likhe huve submit aur mauzoo ke baare me hi remark karen, deegar rabta kar ne ke liye Get hold of Kind use karen.

कृपया मेरी कश्ती को दूसरी तरफ़ पहुंचाएं

During the commencement of language, poetry is the initial step. People today connect as a result of poetry. Naat is the term of poetry where poet praise the Holy Prophet Muhammad (P.

आज महफ़िल में जितने हाज़िर हैं, मिल के सारे सलाम कहते हैं

अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर !

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